जो बीत गई सो बात गई – Hindi Poem

  • Jo Beet Gayi So Baat Gayi Hindi Inspirational Poem
Jo Beer Gyai so baat gyai gyankuti.com

जीवन में एक सितारा था, माना वह बेहद प्यारा था

वह डूब गया तो डूब गया, अंबर के आंगन को देखो

कितने इसके तारे टूटे, कितने इसके प्यारे छूटे

जो छूट गए फिर कहाँ मिले, पर बोलो टूटे तारों पर

कब अंबर शोक मनाता है, जो बीत गई सो बात गई ,

जीवन में वह था एक कुसुम, थे उस पर नित्य निछावर तुम

वह सूख गया तो सूख गया, मधुबन की छाती को देखो

सूखीं कितनी इसकी कलियाँ, मुरझाईं कितनी वल्लरियाँ

जो मुरझाईं फिर कहाँ खिलीं, पर बोलो सूखे फूलों पर

कब मधुबन शोर मचाता है,जो बीत गई सो बात गई ,

जीवन में मधु का प्याला था, तुमने तन मन दे डाला था

वह टूट गया तो टूट गया, मदिरालय का आँगन देखो

कितने प्याले हिल जाते हैं, गिर मिट्टी में मिल जाते हैं

जो गिरते हैं कब उठते हैं, पर बोलो टूटे प्यालों पर

कब मदिरालय पछताता है, जो बीत गई सो बात गई ,

मृदु मिट्टी के बने हुए, मधु घट फूटा ही करते हैं

लघु जीवन ले कर आए हैं, प्याले टूटा ही करते हैं

फ़िर भी मदिरालय के अन्दर, मधु के घट हैं, मधु प्याले हैं

जो मादकता के मारे हैं, वे मधु लूटा ही करते हैं

वह कच्चा पीने वाला है, जिसकी ममता घट प्यालों पर

जो सच्चे मधु से जला हुआ, कब रोता है चिल्लाता है

जो बीत गई सो बात गई !

हरिवंश राय बच्चन

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