हे ईश्वर तेरा धन्यवाद – Hindi Motivational Story
एक पक्षी था जो रेगिस्तान में रहता था, बहुत बीमार, कोई पंख नहीं, खाने-पीने के लिए कुछ नहीं, रहने के लिए कोई आश्रय
एक पक्षी था जो रेगिस्तान में रहता था, बहुत बीमार, कोई पंख नहीं, खाने-पीने के लिए कुछ नहीं, रहने के लिए कोई आश्रय
हम अपनी तुलना दूसरों से करते रहते है और दूसरों को देखकर हमें लगता है, कि वो शायद हम से अधिक खुश है। इस कारण हम दु:खी हो जाते है।
लगातार सदाचार की बातें सुनने और अपनाने से तुम्हारे मन की गन्दी भी धुलती जाती है। तुमको इसका अहसास तुरंत नहीं होगा ये सदाचार की भावना धीरे धीरे तुम्हारे मन
जल यमुना का हो या नाले का, दोनों जब गंगा में गिरते हैं, गंगा-जल हो जाते हैं।’ हे नाथ फिर यह भेद क्यों? आप मुझे शरण में लीजिए।’ यह सुनकर स्वामी जी की आँखों
तुलसी आश्चर्यचकित रह गया। गलती उसने की और बाबू उससे क्षमा माँग रहे हैं, उसकी आखों से अश्रुधारा बह चली। वह सोच नहीं पा रहा था कि क्या कहे
एक प्रोफ़ेसर ने अपने हाथ में पानी से भरा एक glass पकड़ते हुए class शुरू की . उन्होंने उसे ऊपर उठा कर सभी छात्रों को दिखाया और पूछा…
एक बार एक नौजवान लड़के ने सुकरात से पूछा कि सफलता का रहस्य क्या है?
सुकरात ने उस लड़के से कहा कि तुम कल मुझे नदी के किनारे मिलो. वो मिले. फिर …